Saturday, December 6, 2008

'अल्लाह और मुल्ला का इस्लाम'

हिंदी फ़िल्म जगत के सुपर स्टार माने जाने वाले शाहरुख़ ख़ान ने उन मौलवियों की कड़ी आलोचना की है जो आतंकवाद की शिक्षा देते हैं.

एक भारतीय टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में शाहरुख़ ने इन मौलवियों पर क़ुरान की सीख को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अलग-थलग कर देना चाहिए और इनसे बचना चाहिए.

शाहरुख़ ख़ान ने कहा, "हम मानते हैं कि क़ुरान में अल्लाह के शब्द हैं. लेकिन दुर्भाग्य से इस्लाम के दो रूप मौजूद हैं. एक इस्लाम अल्लाह का और दुर्भाग्य से दूसरा इस्लाम मुल्ला का."

अपील

उन्होंने अपील की कि नवयुवकों को क़ुरान की सही शिक्षा दी जानी चाहिए. शाहरुख़ ख़ान ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपना सांप्रदायिक एजेंडा चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

 हम मानते हैं कि क़ुरान में अल्लाह के शब्द हैं. लेकिन दुर्भाग्य से इस्लाम के दो रूप मौजूद हैं. एक इस्लाम अल्लाह का और दुर्भाग्य से दूसरा इस्लाम मुल्ला का
 
शाहरुख़ ख़ान

टीवी इंटरव्यू में शाहरुख़ ने कहा, "हिंदू हों या मुसलमान- दोनों धर्मों के कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ क़ानून होने चाहिए. ऐसे क़ानून होने चाहिए कि कोई भी पार्टी सांप्रदायिक एजेंडा न चला सके. कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ कड़े क़ानून होने चाहिए."

मुंबई में चरमपंथी हमले के बाद पाकिस्तान पर हमला करने के विचार को उन्होंने सिरे से ख़ारिज कर दिया. शाहरुख़ ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. क्योंकि ये जज़्बाती फ़ैसला हो सकता है.

शाहरुख़ का मानना था कि मुंबई त्रासदी से कुछ सकारात्मक संदेश भी मिले हैं. उन्होंने कहा, "इस त्रासदी के बीच जो सकारात्मक चीज़ उभर कर आई है, वो है हमारी एकता. हमारी एकता और मज़बूत हुई है."

शाहरुख़ ख़ान ने कहा कि एकता के रूप में उन लोगों ने अपने ख़िलाफ़ हमें बड़ा हथियार दे दिया है.

Source:BBC Hindi

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